रंगकर्मी पांच उद्देश्यों से मिल सकता बड़ी से बड़ी समस्या से निजात

भारत विकास परिषद श्रीहरि शाखा के तत्वाधान में रंगमंच की उन्नति व उत्थान हेतु रंग परिचर्चा का कार्यक्रम में मुंबई से पधारे प्रसिद्ध रंगकर्मी मनोज सिंह टाइगर की अध्यक्षता में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।

 परिचर्चा में रंगमंच से जुड़े गोरखपुर के सभी प्रसिद्ध रंग कर्मियों ने अपनी अपनी बातें निम्न प्रकार से संबोधित की।

संबोधन के क्रम में

मुकेश प्रधान- किसी भी संस्था का नाटक हो सहयोग सभी का होना चाहिए। 

हम अभिनेता के साथ-साथ एक अच्छा दर्शक भी बने।

अजय यादव- एक सशक्त निदेशक नाटक को समृद्घ और सशक्त कर सकता है। माहौल बनाना होगा।

रीना जायसवाल- हमारी ईमानदारी हमारा संगठन हमे सशक्त करेगा।

अशोक महार्षि- संस्थाओं को संगठित होना चाहिए। नई प्रतिभाओं को अवसर मिले।

निशिकांत पांडे- रंगमंच को लोक से जोड़े। सशक्त एवं मनोरंजक प्रस्तुतीकरण हो। एक पत्रिका का प्रकाशन होना चाहिये।

अजित प्रताप सिंह- रंगमंच के प्रति हमारा कमिटमेंट कब नजर आयेगा? रंगकर्मियों की बुनियादी जरूरतों के लिये सोचना होगा। 

रवींद्र रंगधर- रंगमंच से फिल्म की तरफ जाने मे कोई बुराई नही है। रंगमंच अभिनेताओं की जननी है। उसे मत भूलो जिसने आपको जनम दिया। उसको भुलाकर आपका क्या अस्तित्व होगा?

भारत भूषण- रंगमंच के लिए दीवानगी की आवश्यकता है। आज हमारे रंगमंच के सामने अनेको चुनौतीयां है उन चुनौतियों से निपटने के लिये हमे अपनी सोच को व्यापक बनाना पड़ेगा।

कार्यक्रम अध्यक्ष मनोज सिंह टाइगर हमे अपना प्रॉडक्ट दमदार बनाना होगा। अगर प्रॉडक्ट दमदार होगा तो महंगा खरीदार मिलेगा। हम अपनी सारी युक्ति प्रस्तुति को सशक्त बनाने मे लगाएं। प्रस्तुतीकरण सशक्त होगी तो पैसा भी आएगा और लोकप्रियता मे भी वृद्धि होगी। नाटक बिना शुल्क के मत दिखाया जाए भले ही ₹ 10/- का शुल्क हो।

प्रांतिक संयोजिका डॉ निशी अग्रवाल ने कहा कि आज की परिचर्चा का निष्कर्ष एवं रंग कर्मियों की समस्या का समाधान परिषद के पांच उद्देश्यों में ही है।

परिषद का पांच मुख्य उद्देश्य संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा, समर्पण यदि किसी भी रंगकर्मी के अंदर यह पांच उद्देश्य हो तो बड़ी से बड़ी समस्या से निजात मिल सकता है।

आभार ज्ञापित श्रीहरि शाखा के अध्यक्ष कनक हरि अग्रवाल ने किया। मुंबई से पधारे मनोज टाइगर को कनक हरि ने श्रीमद्भगवद्गीता भेंट की।

 कार्यक्रम का अद्भुत संचालन मानवेंद्र त्रिपाठी जी द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से मानवेंद्र त्रिपाठी, डॉ रविंद्र रंग घर, आंध्र प्रदेश की सुधा मैम, अमित सिंघानिया, पुनीत अग्रवाल, जयप्रकाश गुप्ता, नवनीत जिंदल, अनुराग खैतान, आसिफ इकबाल, परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ आर पी शुक्ला, प्रांतीय संयोजिका डॉ निशी अग्रवाल मौजूद रही।

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