घर-घर खोजे जाएंगे कुष्ठ रोगी, 2800 टीम करेगी खोज

जिला में कुष्ठ रोगी खोजो अभियान का हुआ शुभारंभ

280 सुपरवाइजर के पर्यवेक्षण में चलेगा अभियान

गोरखपुर। जिले में शुरू हुए एक खास अभियान के तहत घर-घर कुष्ठ रोगी खोजे जा रहे हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की 2800 टीम बनाई गयी है। अभियान का पर्यवेक्षण 280 सुपरवाइजर के माध्यम से होगा।यह जानकारी जिला कुष्ठ रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. गणेश प्रसाद यादव ने दी।

उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय और चरगांवा की ब्लॉक प्रमुख वंदना सिंह की मौजूदगी में चरगांवा ब्लॉक के मुख्यमंत्री के गोद लिये गये वनटांगिया गांव में अंत्योदय कार्ड धारकों के आयुष्मान वितरण कार्यक्रम के साथ ही इसकी शुरूआत कर दी गयी । अभियान छह महीने तक चलेगा । प्रत्येक टीम को छह महीने के भीतर 1000 की आबादी के बीच पहुंच कर कुष्ठ रोग के लक्षणों के आधार पर स्क्रिनिंग करनी है । टीम को जो भी कुष्ठ के संभावित रोगी मिलेंगे उन्हें वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर रेफर करेगी। जांच में रोग की पुष्टि होने पर निःशुल्क उपचार व अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी । प्रत्येक टीम में एक आशा कार्यकर्ता और एक स्वयंसेवक को शामिल किया गया है।

डॉ. यादव ने बताया कि पीवी श्रेणी का कुष्ठ रोगी खोजने वाले को 200 रुपये और छह महीने का इलाज पूरा करवाने पर 400 रुपये, जबकि एमवी श्रेणी का कुष्ठ रोगी खोजने पर 200 रुपये और एक साल का इलाज पूरा करवाने पर 600 रुपये मिलेंगे । इस अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज प्रोग्राम के जोनल कोआर्डिनेटर डॉ. सागर घोड़ेकर तकनीकी सहयोग करेंगे।

अभियान के शुभारंभ अवसर पर चरगांवा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. धनंजय कुशवाहा, जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ. भोला गुप्ता, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार और सुपरवाइजर दिनेश श्रीवास्तव ने मौजूद लोगों को कुष्ठ रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी और अभियान के दौरान सहयोग की अपील की । 


कुष्ठ रोग को जानिए

• शरीर में कोई ऐसा दाग-धब्बा जो सुन्न रहता है वह कुष्ठ रोग हो सकता है।

• यह रोग लैपरी नामक माइक्रो बैक्टेरिया से होता है जो बहुत धीमी गति से इंफेक्शन करता है।

• अगर समय रहते इसकी पहचान हो जाए तो इलाज हो सकता है।

• यह हेल्दी कान्टैक्ट से नहीं फैलता है। इसका इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे में तभी होता है जबकि वह 16-18 घंटा प्रतिदिन कई महीनों तक रोगी के निकट संपर्क में रहे।


जिले में 172 कुष्ठ रोगी

जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता ने बताया कि दिव्यांग कुष्ठ रोगियों को जीवनपर्यंत 2500 रुपये की मासिक पेंशन देने के साथ निःशुल्क इलाज व पुनर्वास की सुविधा भी सरकार उपलब्ध करवा रही है । जिले में इस समय कुष्ठ के 172 सक्रिय रोगी हैं । निजी क्षेत्र में इलाज कराने पर कुष्ठ रोगी को 2500-3000 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं, जबकि सरकारी क्षेत्र में यह सुविधा निःशुल्क है।

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