असत्य पर सत्य की विजय का द्योतक है विजया दशमी : सुभाष जी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने किया शस्त्र पूजन कर मनाई विजय दशमी

संबोधन करते हुए प्रांत प्रचारक गोरक्ष प्रांत सुभाष जी बतौर मुख्य वक्ता।

गोरखपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा विजयादशमी अवसर पर शुक्रवार को शस्त्र पूजन व श्री विजयादशमी उत्सव का आयोजन किया गया। गोरखपुर महानगर के दोनों भाग उत्तरी व दक्षिणी के विभिन्न नगरों में यह कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमे स्वयंसेवको ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया और शस्त्र पूजन किया। 

उत्तरी भाग के गोरक्षनगर में प्रांत प्रचारक गोरक्ष प्रांत सुभाष जी बतौर मुख्य वक्ता के रूप में सम्मलित होकर शस्त्र पूजन किया। उन्होंने स्वयंसेवको को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे राष्ट्र जीवन में अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं राष्ट्रीय महत्व के प्रसंग भरे पड़े हैं। प्रत्येक प्रसंग के साथ हमारे उत्सव भी जुड़े हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष भर में कुल छह उत्सव मनाता है। विजयादशमी उसमें एक है। यह पर्व असत्य पर सत्य की और अंधकार पर प्रकाश की विजय का द्योतक है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारतीय जन मानस की आत्मा हैं। अयोध्या राजपरिवार में जन्म लेने वाला राजकुमार जब पिता की आज्ञा से महल छोड़ता है तो वह अपनी सामर्थ्य और सामाजिक संरचना के बल पर मर्यादा पुरुषोत्तम बन जाता है। सारी आसुरी शक्तियां शरणागत हो जाती हैं। पुरातन काल से हम शक्ति की उपासना करते रहे हैं। 

संघ विजयादशमी पर शस्त्र पूजन की परंपरा को जीवंत रखे हुए हैं। विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना हुई।।यह दिन विजय, शौर्य, संयम, असत्य पर सत्य की विजय, शक्ति की पूजा एवं संघ की स्थापना का दिन है।

संघ 96 वर्षों से बुराई पर अच्छाई को प्रतिस्थापित करने के अभियान में लगा हुआ है।

सूर्य नगर में मुख्य वक्ता रहे भारतीय इतिहास संकलन समिति के संगठन मंत्री बालमुकुंद जी।

आगे उन्होंने कहा कि मनुष्यत्व ही हिंदुत्व है और हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व है। स्वदेशी और देशभक्ति के माध्यम से हम बड़ी से बड़ी शक्तियों को हम परास्त कर सकते हैं। भारत की भूमि भोग्य भूमि नहीं बल्कि कर्म और त्याग की भूमि है। भारत कभी पराजित नही रहा, सभी आक्रांताओं का मान मर्दन करने के लिए भारत भूमि ने अनेक वीर पुत्रों को जन्म दिया है। भारत भूमि शक्ति की आराधना करने वाला देश है। यह भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की पूजा करता है। इसलिए यह सोने की चिड़िया के साथ साथ विश्वगुरु भी रहा। हमें गर्व करने की आवश्यकता है कि हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति है।हम सत्य व न्याय के लिए सनातन काल से लड़ते आये हैं। कलियुग में शक्ति का प्रमुख स्रोत संगठन है, संघ की शक्ति है।।उन्होंने सभी को विजयादशमी की शुभकामनाए दी।

              सूर्य नगर में शस्त्र पूजन करते बालमुकुंद जी।

इसी तरह शस्त्र पूजन व श्री विजयादशमी उत्सव के कार्यक्रम नगरसःसम्पन्न हुए। विकास नगर में विद्याभारती के प्रांत संगठन मंत्री रामय जी,सूर्य नगर में भारतीय इतिहास संकलन समिति के संगठन मंत्री बालमुकुंद जी,हनुमान नगर में विभाग कार्यवाह आत्मा जी, विष्णु नगर में प्रान्त गौ सेवा प्रमुख अखिलेश जी, रामजानकी नगर में नगर सह संघचालक, आर्यनगर में सेवा भारती के सह प्रान्त सेवा प्रमुख राजेश जी, आजाद नगर में रवि प्रकाश मणि जी, गीता नगर में प्रणाचार्य जी, विवेकानन्द नगर में प्रान्त कुटुंब प्रबोधन कार्यकारिणी सदस्य मृत्यंजय शुक्ला जी, मालवीय नगर में पूर्व सैनिक कल्याण परिषद के डॉ0 एस बी शर्मा का पाथेय स्वयंसेवको को प्राप्त हुआ।

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