राघव ने की शक्ति की पूजा

गोरखपुर। विजयादशमी का उल्लास तो हर तरफ देखा जा सकता है, पर राघव शक्ति मिलन के दौरान जो दर्शकों में उल्लास रहता है वह शायद ही कहीं और देखने को मिले। यह परंपरा अपने आप में यह अनोखी परंपरा है जो पूरे पूर्वांचल में शायद ही कहीं और देखने को मिलती हो। कहते हैं कि रावण का वध करने के बाद भगवान श्री राम ने आदि शक्ति मां भगवती की आराधना की थी। महानगर में आयोजित होने वाला यह अनूठा आयोजन राघव शक्ति मिलन शुक्रवार को विजयादशमी के दिन परंपरागत रूप से संपन्न हुआ। वर्डघाट रामलीला में रावण दहन के बाद भगवान श्रीराम विजय जुलूस के साथ बसंतपुर के मिलन तिराहे पर पहुंचे और वहां शक्ति स्वरूपा आदि मां भगवती की पूजा-आराधना की। वर्डघाट रामलीला समिति के तत्वधान में सैकड़ों वर्षो से चली आ रही रामलीला का मंचन में शुक्रवार को भगवान श्रीराम ने वर्डघाट रामलीला मैदान में विशालकाय रावण का दहन करने के बाद मां भगवती की आराधना के लिए बसंतपुर जलूस के साथ रवाना हुए। बसंतपुर के मिलन तिराहे पर उनका भव्य स्वागत हुआ और उन्हें मंच पर विराजित किया गया। परंपरा के मुताबिक दुर्गा बाड़ी में स्थापित मां भगवती की प्रतिमा विसर्जन के लिए रवाना हुई। 

प्रतिमा के साथ हजारों भक्त भी और उनके पीछे शहर की अन्य दुर्गा प्रतिमाएं मां के भक्तों के जयघोष के नारे चारो ओर गुंजयमान हो रहे थे। सड़क के किनारे एवं घरों की छतों पर खड़े श्रद्धालु श्रद्धा के साथ मां दुर्गा के सम्मुख शीश निवेदित रहे थे। मां की प्रतिमा जैसे ही बसंतपुर तिराहे पर पहुंची भक्तों के जयघोष का स्वर और तेज हो गया। सबसे पहले मां को भगवान राम का प्रदक्षिणा कराई गई। ठसा-ठस के बीच में अनवरत जय श्रीराम व मां दुर्गा की जयघोष गुंजयमान होते रहे। तत्पश्चात भगवान श्रीराम ने भी मां भगवती की आराधना की और उनकी आरती की। इसके बाद प्रतिमाएं विसर्जन के लिए रवाना हुई और भगवान श्री राम भी अपने स्थान की ओर रवाना हो गए।

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