अखिल भारतीय विद्वत महासभा ने किया जगद्गुरु शंकराचार्य का भव्य स्वागत

 


गोरखपुर। सनातन धर्म की अलग जगाने के उद्देश्य एक महीने के लिए राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा पर निकले गोवर्धन मठ पुरी के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का आगमन 28 अक्टूबर, बृहस्पतिवार को गोरक्षनाथ की पावन भूमि पर होना बहुत सौभाग्य की बात है। पूज्यपाद जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी द्वारा स्थापित पीठ परिषद और उसके अंतर्गत आदित्य वाहिनी एवं आनन्द वाहिनी का मुख्य उद्देश्य ‘अन्यों के हित का ध्यान रखते हुए हिन्दुओं के अस्तित्व और आदर्श की रक्षा, देश की सुरक्षा और अखण्डता’ है। पूज्यपाद महाराज श्री का अभियान मानव मात्र को सुबुद्ध, सत्य सहिष्णु और स्वावलम्बी बनाना है। उनका प्रयास है कि पार्टी और पन्थ में विभक्त राष्ट को सार्वभौम सनातन सिद्धान्तों के प्रति दार्शनिक, वैज्ञानिक और व्यवहारिक धरातल पर आस्थान्वित कराने का मार्ग प्रशस्त हो। उनका ध्येय है कि सत्तालोलुपता और अदूरदर्शिता के वशीभूत राजनेताओं की चपेट से देश को मुक्त कराया जाये। बड़े भाग्यशाली हैं वे लोग जिन्हें विश्व के सर्वोच्च ज्ञानी के रूप में प्रतिष्ठित इन महात्मा द्वारा चलाये जा रहे अभियान में अखिल भारतीय विद्वत महासभा के पदाधिकारियों एवं विद्वान सदस्यों ने संकल्प लिया कि यह धर्म सभा को बहुत आगे तक ले जाने का कार्य होगा ताकि जनमानस को इसका लाभ मिलता रहे। स्वागत समारोह में अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल,पं देवेन्द्र प्रताप मिश्र, डॉ दिग्विजय शुक्ल, आचार्य धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी, आचार्य कृष्ण कुमार मिश्र, पं नवनीत चतुर्वेदी, आचार्य अंकित राम मिश्र,पं प्रमोद द्विवेदी, और काफी संख्या में विद्वानों की सहभागिता रही। 

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