आयुष्मान और सौभाग्य दोनो योग मे अन्नकूट और गोवर्धन पूजा 5 को

 


आचार्य पंडित शरद चंद्र मिश्र, अन्नकूट और गोवर्धन पूजा 5 नवम्बर दिन शुक्रवार को है। इस दिन भी सूर्योदय 6 बजकर 30 मिनट पर,कार्तिक प्रतिपदा का मान पूरे दिन भर और रात को 1 बजकर 21 मिनट तक, स्वाती नक्षत्र प्रातःकाल 6 बजकर 52 मिनट, पश्चात विशाखा नक्षत्र। इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य दोनो योग हैं।
दीपावली पर्व का पांचवा पर्व यम द्वितीया एवं भैयादूज है। रह 6 नवम्बर दिन शनिवार को है।इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 31 मिनट पर और कार्तिक शुक्ल द्वितीया का मान रात को 11 बजकर 1 मिनट तक,अनुराधा नक्षत्र सम्पूर्ण दिन और रात्रिशेष 3 बजकर 43 मिनट तक।इस दिन अमृत नामक महा औदायिक योग है।कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यम द्वितीया और भैयादेज के रूप में मनाया जाता है।एक पौराणिक आख्यान के अनुसार यमराज अपने कार्यों में इतने व्यस्त रहते थे कि वे अपनी बहन यमी से मिलने के लिए समय नही निकाल पाते थे।कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमी ने अपने भाई यमराज को अपने घर बुलाकर भोजन कराया था।इसलिए इस दिन भाई अपने बहिन के घर जाता है और उसके हाथ का भोजन करता है।यह भाई-बहिन के प्रेम के दिन के रूप मे प्रतिष्ठित हो चुका है। इस दिन बहिन अपने भाई के मस्तिष्क पर टीका करती है और भाई उसे यथोचित भेंट प्रदान करता है।बहिन अपने भाई के दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती है।इस दिन चित्रगुप्त की पूजा भी की जाती है।
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को अन्नकूट एवं गोवर्धन पूजा का पर्व होता है।ब्रज क्षेत्र से आरम्भ हुआ यह पर्व सम्पूर्ण उत्तर भारत में मनाया जाता है।कृष्ण भगवान के अवतार के पूर्व इस दिन इन्द्रदेवता की पूजा की जाती थी परन्तु भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा आरम्भ करवाई और उन्होने स्पष्ट कहा कि वह पर्वत के रूप में विराजमान हैं।गोवर्धन पूजा के साथ-साथ इस दिन मन्दिरों एवं घरों में अन्नकूट महोत्सव होता है।खरीफ फसल के लिए नए अन्न एवं शाक सब्जियों को पहली बार इस मौसम में अन्नकूट के रूप में बनाने का प्रचलन है।अन्नकूट बनाकर भगवान विष्णु का भोग लगाया जाता है।इसके पश्चात प्रसाद वितरण किया जाता है।

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