कल है देवोत्थान एकादशी और तुलसी-शालीग्राम विवाह, जानें पारण का सही समय और पूजा विधि

 


तुलसी विवाह 2021 शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास एकादशी तिथि 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 29 मिनट तक है। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू हो जाएगी। ऐसे में तुलसी विवाह 15 नवंबर, दिन सोमवार को किया जाएगा। द्वादशी तिथि 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 16 नवंबर को सुबह 08 बजकर 01 मिनट तक रहेगी।


तुलसी विवाह पौराणिक कथा

प्राचीन काल में जलंधर नामक राक्षस ने चारों ओर उत्पात मचा रखा था। वह बड़ा वीर और पराक्रमी था। उसकी वीरता का रहस्य था, उसकी पत्नी वृंदा का पतिव्रता धर्म। उसी के प्रभाव से वह अजेय बना हुआ था। जलंधर के उपद्रवों से परेशान सभी देवी-देवता भगवान 

विष्णु के पास गए और उनसे रक्षा करने की गुहार लगाई। देवी-देवताओं की प्रार्थना सुनकर भगवान विष्णु ने वृंदा का पतिव्रता धर्म भंग करने का निश्चय किया। उन्होंने जलंधर का रूप धर कर छल से वृंदा को स्पर्श किया। विष्णु के स्पर्श करते ही वृंदा का सतीत्व नष्ट हो गया। जलंधर, देवताओं से पराक्रम से युद्ध कर रहा था लेकिन वृंदा का सतीत्व नष्ट होते ही मारा गया। जैसे ही वृंदा का सतीत्व भंग हुआ, जलंधर का सिर उसके आंगन में आ गिरा। जब वृंदा ने यह देखा तो क्रोधित होकर जानना चाहा कि जिसने उसे स्पर्श किया वह कौन है। सामने साक्षात विष्णु जी खड़े थे। उसने भगवान विष्णु को शाप दे दिया, 'जिस प्रकार तुमने छल से मुझे पति वियोग दिया है, उसी प्रकार तुम्हारी पत्नी का भी छलपूर्वक हरण होगा और स्त्री वियोग सहने के लिए तुम भी मृत्यु लोक में जन्म लोगे।' यह कहकर वृंदा अपने पति के साथ सती हो गई। वृंदा के शाप से ही प्रभु श्रीराम ने अयोध्या में जन्म लिया और उन्हें सीीता वियोग सहना पड़ा़। जिस जगह वृंदा सती हुई वहीं तुलसी का पौधा उत्पन्न हुआ।



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