नियमित टीकाकरण के लिए भेजी जाएगी बुलावा पर्ची

मिशन निदेशक ने पत्र भेज कर सभी सीएमओ को दिये दिशा-निर्देश

सुदृढ़ किया जाएगा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम

गोरखपुर। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम (आरआई) को सुदृढ़ किया जाएगा । इस संबंध में मिशन निदेशक अर्पणा उपाध्याय ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेज कर दिशा-निर्देशित किया है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय के निर्देशानुसार जिला प्रतिरक्षण विभाग भी इस कार्य में जुट गया है । नियमित टीकाकरण सत्रों पर सभी लाभार्थी प्रतिरक्षित हो सकें, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग लक्षित लाभार्थियों को बुलावा पर्ची भेज कर सत्र स्थल तक बुलाएगा।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि कोविड टीकाकरण के साथ नियमित टीकाकरण कार्यक्रम भी सुचारू तौर पर चलाना विभाग की प्राथमिकता है । सभी स्वास्थ्य केंद्रों और ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) सत्रों पर अधुनान्त माइक्रोप्लान की प्रति उपलब्ध करायी जा रही है । सत्रों का संचालन सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभार्थी जोड़े जा सकें । नियमित टीकाकरण सत्र दिवस से पहले ही आशा कार्यकर्ता अथवा लिंक वर्कर के जरिये लाभार्थियों के बीच बुलावा पर्ची का वितरण करवाया जाएगा । साथ ही स्थानीय धर्म स्थल से भी एलान करवाया जाएगा । अगर सत्र स्थल में कोई बदलाव होता है तो इसकी भी सूचना दी जाएगी।

डॉ. पांडेय ने बताया कि मिशन निदेशक स्तर से 18 बिंदुओं वाला दिशा-निर्देश प्राप्त हुआ है जिन पर स्थानीय स्तर पर अमल किया जाएगा । कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ब्लॉक रिस्पांस टीम (बीआरटी) भी बनायी जा रही है, जो टीकाकरण विरोधी समुदायों और परिवारों को मोबिलाइज करेगी । साप्ताहिक समीक्षा बैठक में इन सभी दिशा-निर्देशों की समीक्षा की जाएगी । इस कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी और सीएचएआई जैसी स्वयंसेवी संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं।

पांच साल में सात बार, छूटे न टीका एक बार

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने ‘’पांच साल में सात बार, छूटे न टीका एक बार’’ का नारा दोहराते समुदाय से अपील की कि गर्भवती महिलाओं के लिए टीडी 1, टीडी 2 व टीडी बूस्टर, बच्चे के जन्म के समय ओपीवी 0, हेपेटाइटिस बी बर्थ डोज, बीसीजी, जन्म के छह सप्ताह के भीतर ओपीवी 1, रोटा 1, एफआईपीवी 1, पेंटावैलेंट1 व पीसीवी 1, 10 सप्ताह के भीतर ओपीवी 2, रोटा 2, पेंटावैलेंट 2, 14 सप्ताह के भीतर ओपीवी 3, रोटा 3, एफआईपीवी 2, पेंटावैलेंट 3, पीसीवी 2, 9 से 12 महीने के बीच एमआर1, जेई 1, पीसीवी बी, 16 से 24 महीने के बीच ओपीवी बी, डीपीटी बी 1, एमआर 2, जेई टू, 5 से 6 साल के बीच डीपीटी बी 2, 10 साल की उम्र पर टीडी और 16 साल की उम्र पर लगने वाला टीडी टीका स्वास्थ्य विभाग निःशुल्क उपलब्ध कराता है। आवश्यकता है लोग टीकाकरण के महत्व को समझें और इसके लिए स्वयं भी आगे आयें।

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