बलिदानियों के जन्मभूमि को नमन करने बांग्लादेश व पाकिस्तान जाएंगे बृजेश

गोरखपुर में चहुओर मिले स्नेह व सम्मान से गीता लाहिड़ी हुईं अभिभूत पर बंगाल में राजेंद्र नाथ लाहिड़ी की गुमनामी व उपेक्षा से मायूष

गीता लाहिड़ी के आह्वान पर बलिदानियों के जन्मभूमि को नमन करने बांग्लादेश व पाकिस्तान जाएंगे बृजेश

भगतसिंह और लाहिड़ी की जन्मभूमि की मिट्टी कलश में लाकर प्रधानमंत्री को सौपेंगे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत संघ चालक डॉ महेंद्र अग्रवाल ने 1971 के युद्ध में लड़ाका भूतपूर्व सैनिक वशिष्ठ मुनि पांडेय का किया स्वागत, परिचय व संस्मरण से गीता को कराया रूबरू

गोरखपुर 21दिसम्बर 2021। अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा एवं गुरुकृपा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाले पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव आयोजन समिति के संस्थापक सचिव पंडित बृजेश राम त्रिपाठी जी की अगुवाई में विगत 12 वर्षों से लगातार होने वाले विस्मिल मेले के आयोजन में काकोरी काण्ड के नायक अमर बलिदानी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी की भतीजी श्रीमती गीता लाहाड़ी जी का आगमन हुआ था।

काकोरी घटना के आरोपी गोंडा जेल में बलिदान हुए राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी की भतीजी गीता लाहिड़ी ने विदाई समारोह में भावुक स्वर में कहा कि गोरखपुर में चहुओर मिले स्नेह व सम्मान से अभिभूत हूँ किन्तु बंगाल में चाचा राजेंद्र नाथ लाहिड़ी की गुमनामी व उपेक्षा से मायूष हूँ।

राजेंद्र नाथ लाहिड़ी (चाचा जी) को अपने बंगाल में सम्मान न पाने का भी दुख जताया और कहा कि जितने लोग पूर्वांचल के अंदर और गोरखपुर के अंदर लहरी जी से स्नेह और प्रेम रखते हैं, इतना सम्मान और प्रेम को उन्हें अपने जन्मभूमि और अपने शहर में नहीं मिलता है l

उन्होंने कहा कि क्रांतिवीरों, बलिदानियों,स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के परिजनों को खोजकर यथोचित सम्मान के साथ इतिहास का लेखन होना चाहिए।

देश के सभी राज्यों में प्राथमिक से इंटर तक के पाठ्यक्रम में जंगे आज़ादी आंदोलन में युवा क्रांतिकारियों के कृतित्व व योगदान को शामिल किया जाय। कोलकाता वापस जाने से 2 घण्टे पूर्व बृजेश राम त्रिपाठी के प्रयासों जज़्बे व जुनून की जमकर सराहना की और उन्हें पाकिस्तान व बांग्लादेश से जन्मभूमि की मिट्टी लाने की तैयारी जिम्मेदारी सौपते हुए कहा कि भारत के भविष्य को राष्ट्रसर्वोपरि का पाठ पढाना आज की जरूरत हैं।

बृजेश राम त्रिपाठी ने गीता लाहिड़ी के 7 दिन के प्रवास पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भगतसिंह और लाहिड़ी की जन्मभूमि की मिट्टी कलश में लाकर प्रधानमंत्री को सौपेंगे।

उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की धरती स्वतंत्रता आंदोलन के लिए सपूतों से भरी पड़ी है वर्तमान में देश के अंदर अमृत महोत्सव के कार्यक्रम चल रहे हैं। कोलकाता में लाहिड़ी को सम्मान मिले इसके लिए बांग्लादेश कूच की तैयारी में हूँ। बृजेश राम ने कहा कि गीता लाहिड़ी के आह्वान पर बलिदानियों के जन्मभूमि को नमन करुँगा। बृजेश राम इन वीरों के जन्मभूमि से मिट्टी लाकर के माननीय प्रधानमंत्री मोदी को सौंपेंगे। इसके अलावा वे काकोरी कांड के नायक के सम्मान के लिए माननीय प्रधानमंत्री से मांग करने की बात कही है। सरदार भगत सिंह और लाहिड़ी का जन्मस्थली बांग्लादेश और पाकिस्तान में स्थित है। ऐसे में उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा समस्त प्रक्रियाओं को पूर्ण करके इस यात्रा के निमित्त विधिवत तैयारी के साथ मैं उस स्थल पर जाऊंगा।

पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला और खेल महोत्सव आयोजन समिति के लिए भी यह एक संकल्प है, जिसे पूरा करने का पूर्ण प्रयत्न करूंगा। मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रवाद और विकास की पर आगे बढ़ रही है प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार मुझे इस यात्रा के दौरान और इस अभियान में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें कि और लाहिड़ी को सम्मान दिलाने के साथ ही साथ सरदार भगत सिंह और लहरी जी की जन्मभूमि को मैं नमन कर स्थल और माटी को चूमने का काम करूंगा। स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा हुआ तीर्थ कितना जाग रहा है शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है हम सब वीर सपूतों के प्रति अपनी पूरी श्रद्धा भावना व्यक्त करें और बलिदानी परिवारों को खूब सम्मान और प्यार दें ऐसे देश और समाज के लिए जीने वाले लोगों की पीढ़ियां यह महसूस करें कि देश पर मिटने वाले लोगों के साथ पूरा देश खड़ा रहता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत संघ चालक डॉ महेंद्र अग्रवाल ने 1971 के युद्ध में लड़ाका भूतपूर्व सैनिक वशिष्ठ मुनि पांडेय का स्वागत परिचय संस्मरण से गीता को रूबरू कराते हुए अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्याम बिहारी अग्रवाल ने किया जबकि संचालन रमेश चंद्र त्रिपाठी ने की।

विदाई समारोह में डॉ महेंद्र अग्रवाल, श्याम बिहारी अग्रवाल, अनुज अग्रवाल, प्रो शरद मिश्रा, प्रो डीएन मौर्या, विष्णु प्रताप सिंह, डॉ प्रवीण त्रिपाठी, पार्षद अशोक मिश्रा, श्रीमती आशा मौर्या, सुश्री शिवांगी पाण्डेय, गन्धर्व पाठक, अविनाश गुप्ता, दीपक, अखिलेश त्रिपाठी, विशाल, राहुल, प्रदीप, अभिषेक, मनीष सहित अनेकों लोगों ने विदाई दी।

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