वन्देमातरम की जयघोष से गूँजा गोरक्ष नगरी

गोरखपुर। स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विगत एक माह से मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के अन्तर्गत शनिवार को गोलघर स्थित महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के प्रांगण में हजारों की संख्या में लोगों ने सामूहिक वन्देमातरम गायन व भारत माता की आरती की। वन्देमातरम व भारत माता की जयघोष से पूरा नगर गूंज उठा। शहर के विभिन्न स्थानों से पहुंची तिरंगा यात्रा व भारत माता की रथयात्रा ने जब एमपी इंटर कॉलेज के प्रांगण में प्रवेश किया तो पूरा वातावरण देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो गया। सभी के जुबां पर बंदे मातरम के गीत तो हाथों तिरंगा लहरा रहा था। पूरे कालेज परिसर उत्सवमय हो गया था।

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ भारती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पार्चन से हुआ। इसके बाद अतिथियों का परिचय आर एन गुप्ता ने कराया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे राजेन्द्र लाहिड़ी की भतीजी गीता लाहिड़ी उपस्थित रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता मेजर जनरल अतुल वाजपेयी ने किया। बतौर मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक सुभाष जी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन से लोगो को अभिसिंचित किया। 

मुख्य अतिथि गीता लाहिड़ी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह आयोजन उन बलिदानियों के प्रति वास्तव में एक बड़ा सम्मान है। ये उन्हीं बलिदानियो के कारण मैं यहां मौजूद हुं। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के उस स्वरूप को बनाए रखना हमारा नैतिक कर्तव्य है।आज मुझे बड़ा हर्ष हो रहा कि मैं इस कार्यक्रम में सहभागी बनी। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी अमर शहीदो को नमन, वंदन करता हूं जिन्होंने मातृ भूमि के हंसते हंसते फांसी पर चढ़ गए।

मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित रहे प्रांत प्रचारक सुभाष ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सम्पूर्ण देश स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा, पर जरा चिंतन करे कि अंग्रेजों का क्रूर शासन कैसा था। भारत माता के गुमनाम बलिदानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करें, उनके स्वप्न को पूरा करें। 75 वर्ष में हम कहाँ है, हमारा देश महान था है और रहेगा।

प्रांत प्रचारक ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व को मलमल, सूरत-उज्जैन का वस्त्र दिया। हमने विश्व को मसाले, खाद्यान्न, सबसे सस्ता सबसे अच्छा लोहा दिया। आयुर्वेदिक दवाओं देकर अपनी संस्कृति सर्वे सन्तु निरामयाः का पालन किया। हमने देखा कोरोना काल मे आयुर्वेद के काढ़ा (अमृत) ने पूरे विश्व को बचाया। महर्षि पतंजलि ने योग के माध्यम से जागृत करने का ज्ञान दिया। भारत ज्ञान, वेद, शिक्षा, विज्ञान में चरम पर था। अरस्तू से पूर्व ही आर्य भट्ट ने कहा था कि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है। अपने यहाँ 12 महीने होते थे जबकि अंग्रेजी ने 10 ही महीने हुआ करते थे। अपने हिंदी सत्र में नक्षत्रों के वैज्ञानिक आधार पर महीनों के नाम होते है। हम ज्योतिष में सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करते थे।संगीत कला में हम सबसे अव्वल है।

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने हम पर शोषणकारी आक्रमण किया था।अंग्रेजों ने 'कर' ज्यादा लेकर शोषण करके उद्योग धंधों को नष्ट कर दिया।हम गुलामो का लिखा इतिहास पढ़ रहे। हमे पढ़ाया जाता है बास्कोडिगामा भारत की खोज किया था, जबकि वो भारत आने वाला पहला युरोपियन लुटेरा था। अंग्रेजो की नीति विभाजनकारी नीति थी। 14 अगस्त को हमारा एक अंग कट गया। भविष्य में हमे अखंड भारत बनाना होगा, ये हम सभी का कर्तव्य है। हमें संकल्पित होना होगा।

उन्होंने जगह-जगह के क्रांतिवीरों की चर्चा करते हुए कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार सहित सम्पूर्ण भारत मे क्रांतिकारी खड़े थे। 1818 में गुजरात मे भील तलवार लेकर खड़े हो गए, बंगाल-बिहार के अंदर संथाल खड़े हो गए थे जिन्होंने अंग्रेजो के शासन की नींव हिला डाली। बिरसा मुंडा, विपिन दा, बटुकेश्वर दत्त, कनक लता बरुआ, रानी चेन्नमा, मातंगी हाजरा, तांत्या टोपे, नाना साहब पेशवा, उनकी बेटी मैना, झलकारी बाई, उधा देवी आदि कई ऐसे क्रांतिकारी खड़े हुए जिन्होंने अंग्रेजो की ईंट से ईंट बजा दी।

उन्होंने गोरखपुर व आस-पास के जिलों के क्रांतिकारीयो को रेखांकित करते हुए बताया कि महाराजा जालिम सिंह, शिब्बन लाल सक्सेना, चिगान शाह, महंत दिग्विजयनाथ, महंत अवेद्यनाथ, मंगल पांडेय, वीर बाबू बन्धु सिंह, राजा तेज प्रताप चंद ने यहां अंग्रेजो को धूल चटा दिया था। हम नमन करे डोहरिया कला, चौरी-चौरा, नरहरपुर, पैना गांव जहा छः सौ महिलाओं ने जल समाधि ली थी, बरहज आदि जगहों में बलिदान हुए। क्रांतिवीरों को जिन्होंने देश की आन-बान-शान के लिए अपना प्राण तक न्यौछावर कर दिया। 

पं. रामप्रसाद बिस्मिल के बलिदान को याद करते उन्होंने कहा कि अदालत में अपनी बहस खुद उन्होंने की, जब अंग्रेजो को लगा कि हम हार जाएंगे तो उन्होंने उन्हें फांसी की सजा दे दी। कल उनके बलिदान दिवस पर उन्हें नमन करे।

उन्होंने कहा कि हमारे अमर क्रांतिकारी बलिदानियों का स्वप्न था जग सिर मौर बनाए भारत उस स्वप्न को पूरा करना है। अपने संस्कृति, अपने धर्म, अपने स्वराज्य, सम्पूर्ण समाज, जंगल, जमीन को बचाना हमारा कर्तव्य है। हमे स्वदेशी अपनाना होगा भारतीयता को बढ़ाना होगा, तब स्वदेश का उत्थान होगा। महान पूर्व क्रांतिकारियों ने जो भारत बनाकर दिया उसे बचा कर अखंड भारत का निर्माण करना है।

अंत में उन्होंने हाल ही में शहीद हुए सीडीएस विपिन रावत के साथ 14 अन्य साथियों को अपने शब्द से श्रद्धाजंलि अर्पित की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मेजर जनरल अतुल वाजपेयी जी ने कहा कि विश्व का सबसे प्रसिद्ध व लोकप्रिय गीत हमारा राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम है। हम आज इस कार्यक्रम में आकर प्रफुल्लित है,आज यह भव्य कार्यक्रम अमर क्रंतिविरो को सच्ची श्रद्धाजंलि है।

कार्यक्रम की प्रस्तावना मन्केश्वर नाथ पांडेय ने रखी।

संचालन रीता श्रीवास्तव और आभार ज्ञापित प्रो. शिवशरण दास ने किया।

स्वतंत्रता संग्राम सैनानी के परिजन हुए सम्मानित

कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करते हुए उन्हें नमन किया गया, साथ ही कुछ स्वतंत्रता संग्राम सैनानी के परिजन को सम्मानित किया गया। 

देशभक्ति गीतों पर मां भारती की आरती

संस्कार भारती के कलाकारों द्वारा देशभक्ति मनमोहक प्रस्तुति दी गई। परिसर में देश के लिए बलिदान देने वाले अमर बलिदानियों के रूप में सजे बच्चे सबको आकर्षित कर रहे थे। कार्यक्रम का समापन सामूहिक वन्दे मातरम गायन व भारत माता की आरती के साथ हुआ। भारत माँ के गगनभेदी जयकारों से जन-जन का उत्साह पैदा कर दिया।

ये रहे मंचासीन

मुख्यमंच पर डॉ. महेंद्र अग्रवाल (राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ के सह प्रांत संघचालक), सुप्रसिद्ध व्यवसायी विष्णु अजीत सरिया, आईएएस अवनीश कुमार सिंह (नगर आयुक्त) एमजी के प्रबंधक मानकेश्वर नाथ पांडेय, मेजर जनरल अतुल वाजपेयी, गीता लाहिड़ी, गोरक्षप्रांत के प्रांत प्रचारक सुभाष जी उपस्थित रहे।

इनकी रही मौजूदगी

कार्यक्रम में सह प्रांत प्रचारक अजय जी, विहिप के प्रान्त संगठन मंत्री परमेश्वर जी, भाग संघचालक द्वय ओम जालान व प्रभुनाथ जी, प्रान्त सम्पर्क प्रमुख प्रो0 संजीत गुप्त, प्रांत प्रचार प्रमुख उपेन्द्र द्विवेदी, सह प्रान्त व्यवस्था हरे कृष्ण जी, विभाग कार्यवाह आत्मा सिंह, सह विभाग कार्यवाह उमेश सिंह, ओमप्रकाश सिंह, प्रदेश निरीक्षक कमलेश सिंह, 

संस्कार भारती के अध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव, उत्तरी भाग कार्यवाह दुर्गेश जी, दक्षिणी भाग कार्यवाह अभिषेक जी, विष्णु नगर कार्यवाह राकेश जी, अमरदीप, कामेश, प्रतीक, राजाराम जी, क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह, क्षेत्रीय महामंत्री प्रदीप शुक्ला, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र सिन्हा, महिला मोर्चा क्षेत्रीय अध्यक्ष अमिता गुप्ता, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, जिला अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, भाजपा किसान मोर्चा के महानगर मंत्री समरेंदू कुमार सिंह, भाजपा युवा नेता शीतल मिश्र, 

नगर विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल,चौरी चौरा विधायक संगीता यादव, सहजनवा विधायक शीतल पांडेय, खजनी विधायक संत प्रसाद, क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवीन पाण्डेय, क्षेत्रीय संयोजक मीडिया संपर्क विभाग सिद्धार्थ पांडेय, पदीद गोरखपुर वि विद्यालय के कुलपति राजेश सिंह, क्षेत्रीय संयोजक आई टी विभाग अनादि प्रिय, पूर्व महापौर डॉ0 सत्या पाण्डेय सहित शहर के कई विद्यालयों व महाविद्यालयों के प्रबंधक, प्रचार्य व शिक्षक, नगरों के कार्यकर्ता सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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