कैमोस पर्व में महिलाएं तलाशती है अपना हीरो

पाकिस्तान का वो इलाका, अगर महिलाओं को पसंद आ जाएं गैर मर्द तो तोड़ सकती है अपनी शादी

भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में अफगानिस्तान के बॉर्डर पर चित्राल घाटी में बिरीर, बाम्बुराते और रामबुर इलाके हैं। पाक के इन इलाकों में कलाशा नामक जनजाति निवास करती है। इस जनजाति का कल्चर पाकिस्तान के कल्चर से पूरी तरह ही अलग है। कलाशा जनजाति की आबादी 4 हजार के आस-पास बताई जाती है। इस जनजाति की महिलाएं जितने आजाद तरीके से रहती हैं। इस बारे में आप सोच भी नहीं सकते।

यह समुदाय हिंदू कुश पर्वत से घिरे इलाके में निवास करता है

पाकिस्तान के सबसे कम संख्या वाले अल्पसंख्यकों में कलाशा जनजाति का नाम भी शामिल है। अगर इस जनजाति की किसी भी महिला को कोई गैर मर्द पसंद आ जाए तो वह अपनी शादी तोड़कर उस मर्द से शादी कर सकती है। इस समुदाय के लोग हिंदू कुश पहाड़ों से घिरे इलाके में रहते हैं। इस समुदाय के लोगों का मानना है कि हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला से घिरा होने के कारण उसकी सभ्यता सुरक्षित बनी हुई है।

अपने आप को सिकंदर का वंशज कहते है ये लोग

इतिहास में हिंदू कुश पर्वत के कई ऐतिहासिक संदर्भ हैं। कहा जाता है इस इलाके में सिकंदर ने जीत हासिल की थी। इसके बाद इसे कौकासोश इन्दिकौश कहा गया था। यूनानी भाषा में इसका मतलब हिंदुस्तानी पर्वत होता है। इसलिए इस समुदाय के लोगों को सिकंदर का वंशज भी कहा जाता है।

इस समुदाय के लोग यहां लकड़ी और मिट्टी से बनाये गए छोटे घरों में निवास करते है। इसके साथ ही इस समुदाय की महिलाएं पुरुषों के साथ बैठकर किसी भी त्यौहार या आयोजन पर शराब पीया करती है।

महिलाएं कमाती है

इस समुदाय में पैसे कमाने के ज्यादातर काम महिलाये ही करती है। समुदाय की औरतें भेड़-बकरियों को चराने पहाड़ों पर जाया करती हैं। इसके अलावा घर पर रंगीन मालाएं और पर्स बनाने का काम भी करती है। ये महिलाएं सजने-संवरने की बहुत शौकीन होती हैं और अपने सिर पर खास किस्म की टोपी तथा गले में पत्थर की रंगीन मालाएं पहन कर चलती है।

संगीत को काफी पसंद करते है समुदाय के लोग

यहां के लोग हर तरह के आयोजन पर संगीत पसंद करते हैं। अपनी किसी भी त्यौहार और जश्न के माहौल में ये लोग बांसुरी और ड्रम बजाते हैं। साथ ही नाचते-गाते है। पाकिस्तान के बहुसंख्यकों के डर से यहां के लोग अपने पारंपरिक अस्त्र का इस्तेमाल करते है।

साथ ही वह अत्याधुनिक बंदूक भी अपने पास में रखते है। इस समुदाय के कुछ मुख्य त्यौहार कैमोस, जोशी और उचाव हैं। "कैमोस" को ये अपना सबसे बड़ा त्यौहार मानते हैं। यह दिसंबर महीने में मनाया जाता है।

कैमोस पर्व में महिलाएं तलाशती है अपने पसंद का मर्द 

यहाँ केमोस का त्यौहार ही एक ऐसा मौका होता है जब इस समुदाय की महिलाएं और लड़कियां अपने लिए मर्द की तलाश करती है। यह त्यौहार अविवाहित लड़कियों के लिए तो काफी महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा विवाहित महिलाओं के लिए भी बहुत खास होता है।

समुदाय के लोगों में रिश्तों को लेकर इतना ज्यादा खुलापन है कि यदि विवाहित महिलाओं को कोई दूसरा मर्द पसंद आ जाए तो वह अपनी शादी तोड़कर उसके साथ जा सकती है। साथ ही समुदाय में किसी की भी मौत पर ये लोग रोने की बजाय जश्न मनाते है।

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