मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म, इससे बड़ी कोई सेवा नहीं : महामंडलेश्वर
कड़ाके की ठण्ड से बचाव के लिए गरीब बच्चों में बांटे कंबल : सुधा मोदी
इस मौके पर स्थानीय बच्चों की नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा आखों की परीक्षण कराई गई। करीब 125 बच्चों को यह परामर्श नि:शुल्क दिए गए। नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा की गई और उन्हें बीमारी से सम्बन्धित दवा दी गई।
संस्था की संरक्षक सुधा मोदी ने कहा कि समूचा प्रदेश इन दिनों ठंड की चपेट में है। कड़ाके की ठण्ड की वजह से जन जीवन अस्त-व्यस्त है। सभी लोग सुविधा अनुसार अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि शासन प्रशासन की ओर से चौक-चौराहों पर अलाव जलाने की व्यवस्था तो की गई है। जिससे राहगीर व रेहड़ी वाले इस ठण्ड से बचाव कर रहे हैं।
लेकिन वहीं मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीब को इस कड़ाके ठंड की मौसम में सबसे ज्याद दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, जिनके पास न तो रहने का बसेरा है, और ना ही पहनने, न ही ओढ़ने के लिए पर्याप्त गर्म वस्त्र हैं।
उन्होंने बताया कि संस्था इसी को ध्यान में रखते हुए लगभग 250 बच्चों को कम्बल और खाने पीने का सामान वितरण किया।
किन्नर आखाडा की महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी ने कहा कि मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है, इससे बड़ी सेवा और कोई नहीं है। संस्था मानव हीत में बहुत ही अच्छा कार्य कर रही है। सुधा मोदी की टीम को बहुत-बहुत साधुवाद है।
जसपाल सिंह ने कहा कि पूर्व की सरकार ऐसे लोगो के प्रति चिंतित है। अपने अधिकारियों को निर्देशित कर चुकी हैं कि कोई बेसहारा ठंड से आहत न हो। ऐसी संस्था ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते कंबल व खाने पीने का सामान वितरित कराया। यह पुनीत कार्य है।
वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि संस्था द्वारा किए गए कार्य से मन को तसल्ली मिल रही है ।
इस मौके पर .(युवा इंडिया) यूथ यूटिल वेलफ़ेयर के अध्यक्ष रत्नेश तिवारी और उनकी टीम का का विशेष योगदान रहा।
रत्नेश ने कहा कि शोषित, दलित, बेसहैरा लोगों की सेवा ही हमारे जीवन का उद्देश्य है
इस मौके पर महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी, सरदार जसपाल सिंह, संस्कार भारती के सह क्षेत्र प्रमुख वीरेंद्र गुप्त, जगनैन सिंह (नीटू), अरशद कमाल शमानी, संजय टिबरेवाल, शिप्रा श्रीवास्तव, सुप्शिया तिवारी सुमन गुप्ता, रश्मि खेतान, विजय श्रीवास्तव, अनुपमा श्रीवास्तव जी, रवि गोस्वामी, अलका भारती, पंडित आनंद मिश्रा, अभिषेक, मुस्कान, बबिता, युवराज, विशाल, सुंदर, साधना भारती आदि लोग उपस्थित रहे।
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