सीफॉर के सहयोग से स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण मीडिया कार्यशाला
सतर्कता बरत कर रोकें कोविड का प्रसार : मुख्य चिकित्साधिकारी
बाहर से आए हैं तो कोविड की जांच अवश्य कराएं
टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य
पात्र लोग समय से बनवा ले आयुष्मान कार्ड
गोरखपुर, 04 जनवरी 2022। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से मंगलवार को स्थानीय एक होटल में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं एवं कोविड टीकाकरण विषय पर मीडिया कार्यशाला आयोजित की गयी।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने एक बार फिर से बढ़ रहे कोविड मामलों के प्रति लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि सभी के सतर्कता बरतने से ही कोरोना को हटाया जा सकता है । उन्होंने कहा कि बाहर से आए लोग अनिवार्य तौर पर कोविड की जांच कराएं । जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया है वह टीकाकरण करवा कर कोविड प्रोटोकॉल का अनिवार्य तौर पर पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने पात्र लोगों से आयुष्मान कार्ड बनवाने की भी अपील की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जिले में 15 से 18 वर्ष की आयुवर्ग के किशोरों के लिए भी टीकाकरण शुरू हो गया है। टीका लगने के बाद कहीं से भी प्रतिकूल प्रभाव की शिकायत नहीं आई है। टीका सुरक्षित और असरदार है। 15 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के सभी लोगों को कोविड का दोनों टीका लगवाना है और मास्क, दो गज की दूरी व हाथों की स्वच्छता के नियम का कड़ाई से पालन करना है । उन्होंने कहा कि निगरानी समितियां भी सक्रिय भूमिका निभाएं और बाहर से आने वाले लोगों पर पैनी नजर रखें।
डॉ. दूबे ने बताया कि जिले में आयुष्मान कार्ड धारकों को प्रिटेंड कार्ड मुहैय्या कराने के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों के जिम्मेवार अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं । योजना में सूचीबद्ध लोगों की सूची क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के पास मौजूद है । ऐसे में लोगों को स्थानीय विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर (वीएलई) की मदद से समय से कार्ड बनवा लेना चाहिए। जिन लोगों के पास आयुष्मान कार्ड मौजूद होता है उन्हें भर्ती होने पर पांच लाख तक की निःशुल्क इलाज की सुविधा अतिशीघ्र प्रदान की जाती है। अन्त्योदय कार्ड धारकों को भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया गया है, इसलिए इस श्रेणी के सभी लोग आगे आकर अपना आयुष्मान कार्ड जल्द से जल्द बनवा लें ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सके।
कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ. संदीप पाटिल, यूनिसेफ के डीएमसी डॉ. हसन फईम, आयुष्मान भारत योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ. संचिता मल्ल और विनय कुमार पांडेय ने कार्यक्रम से संबंधित पीपीटी प्रस्तुत की । सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) संस्था के स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर शशिधर द्विवेदी ने स्वास्थ्य संचार के क्षेत्र में संस्था के योगदान पर चर्चा की।
कार्यक्रम को एसीएमओ डॉ. नंद कुमार, डॉ. अनिल सिंह, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि पवन कुमार सिंह, सीएचएआई संस्था के प्रतिनिधि दिलीप राव और केयर इंडिया संस्था की प्रतिनिधि डॉ. मनीषा सिंह ने भी संबोधित किया।
धन्यवाद ज्ञापन जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने किया। कार्यक्रम का संचालन संस्था से जुड़े वेद प्रकाश पाठक ने किया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (शहरी) समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, आरबीएसके की डीईआईसी मैनेजर डॉ. अर्चना, यूनीसेफ की डीएमसी नीलम यादव, संस्था की तरफ से राहुल आर्या, नीरज ओझा और सुजीत अग्रहरि भी मौजूद रहे।
मीडिया ने पूछे सवाल
कार्यशाला में उपस्थित मीडिया के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी योजनाओं के बारे में कई सवाल किया जिसका विभागीय अधिकारियों ने समुचित जवाब दिया। आयुष्मान भारत योजना के बारे में सवाल था कि पांच लाख रुपये का लाभ प्रति लाभार्थी मिलता है या प्रति परिवार। इसके जवाब में नोडल अधिकारी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति लाभार्थी परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है।
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