गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने का उमड़ा जन सैलाब


गोरखपुर। मकर संक्रांति पर शनिवार को गोरखनाथ मंदिर में बाबा गोरखनाथ को आस्था की खिचड़ी चढ़ाने जन सैलाब उमड़ पड़ा। भोर से खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला शुरू हुआ तो रात तक चलता रहा। लाखों श्रद्धालुओं ने खिचड़ी चढ़ाकर बाबा गोरखनाथ के प्रति आस्था निवेदित करते हुए जनकल्याण की कामना की।

ब्रह्म मुहूर्त में सुबह चार बजे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने अपने आवास से नीचे उतरे। उनके साथ देवी पाटन के महंत मिथलेश दास, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, कालीबाड़ी के महंत रविंद्र दास, योगी दिनेश नाथ मौजूद थे।

गोरक्षपीठाधीश्वर ने मंदिर पहुंचे और विधि-विधान से पूजन के बाद सबसे पहले मंदिर की तरफ से गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई, फिर नेपाल के राज परिवार से आई खिचड़ी चढ़ाई गई। इसके बाद जैसे ही मंदिर का कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोला गया पूरा प्रांगण गुरु गोरखनाथ और हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। मंदिर के बाहर भक्तों की कतारें लगी थीं। कोरोना गाइडलाइन का पालन कराते हुए खिचड़ी चढ़ाने के लिए बारी-बारी से प्रवेश कराया गया।


जहां रमाई धूनी वहां जलता है अखंड धूना

गुरु गोरखनाथ ने कांगड़ा से आकर जहां धूनी रमाई और अपना खप्पर रखा वहां पर धूनी हमेशा जलती रहती है। जिस दिन वह आए थे उस दिन मकर संक्रांति थी, इस नाते गोरखनाथ मंदिर में हर साल मकर संक्रांति का मेला लगता है । सदियों बाद आज भी उसी विश्वास से देश के काने-कोने से लोग बाबा को अस्था की खिचड़ी चढ़ाने आते हैं।


हर तरफ दिखा उत्साह, श्रद्धालुओं ने मेले का लिया मजा

श्रद्धालुओं के बीच उत्साह का माहौल दिखा। गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में लगे मेले की रुख कर लिए। जमकर खरीदारी की और मेले का लुत्फ उठाया। खानपान की दुकानों पर जमावड़ा लगा रहा। क्राकरी, सजावट और श्रृंगार की दुकानों पर महिलाओं की तादात अच्छी रही। चाट-पकौड़े, चाउमीन, डोसा, इडली, छोले-भटूरे आदि का लोगों ने जायका लिया।


मुख्यमंत्री ने जनकल्याण के लिए किया रुद्राभिषेक

शिव अवतारी गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मठ में स्थित शक्तिपीठ पर जनकल्याण के लिए रुद्राभिषेक किया। इस अनुष्ठान में उन्होंने गन्ने का रस, दूध, जल, दही, घी, शक्कर व गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक किया। रुद्राभिषेक मंदिर के प्रधान पुजारी रामानुज त्रिपाठी के नेतृत्व में संपन्न हुआ। उनके साथ डॉ. अरविंद त्रिपाठी, रोहित मिश्र, पुरुषोत्तम चौबे, शुभम मिश्र, शशांक शास्त्री मौजूद रहे।

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