गजानन को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों की जाप करें, होंगी सभी परेशानियां दूर

भगवान श्री गणेश सुखकर्ता, दुखहर्ता कहा जाता है, वे सभी कष्टों और परेशानियों को दूर करने वाले देव हैं

ज्योतिषाचार्य पंडित योगेंद्र नाथ त्रिपाठी,

हिन्दू धर्म में पूजा और उससे जुड़े नियमों का बहुत महत्व माना जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान श्री गणेश को प्रथम स्थान प्राप्त है। कहते हैं कि किसी भी पूजा-आराधना की शुरुआत गणेश जी के आह्वान से किया जाता है। वैसे सनातन धर्म में सभी देवी-देवताओं की पूजा-साधना के लिए तिथि, दिन वार बताया गया है। इसी क्रम में गणेश जी की पूजा आराधना के लिए बुधवार का दिन तय किया गया है। सुखकर्ता, दुखहर्ता भगवान श्री गणेश सभी कष्टों और परेशानियों को दूर करने वाले हैं। हम कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने से पहले श्री गणेश का आह्वान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने के बाद हम कोई भी कार्य करें वो बिना किसी विघ्न के पूरे हो जाते हैं।य दि पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान गणेश जी की पूजा की जाए तो जीवन की परेशानियों और समस्याओं का समाधान हो जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश को उनकी प्रिय वस्तु पूजा के दौरान अर्पित की जाए तो वह प्रसन्न हो जाते हैं। प्रत्येक बुधवार भगवान श्री गणेश की आराधना के दौरान उन्हें मोदक व दुर्वा अर्पित करने से गणपति बप्पा जल्दी प्रसन्न होते हैं। 

श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए बहुत से मंत्रों के बारे में बताया गया है। मान्यता है कि गणेशजी जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं उतनी ही जल्दी रुष्ट भी हो जाते हैं इसलिए बताए गए मंत्रों के जाप से पहले अपने आचार-विचार को शुद्ध कर लें। मन में किसी भी प्रकार का बैर-भाव न रखें। शुद्ध मन से गणपति जी की पूजा करें ताकि आपको उनकी पूर्ण कृपा प्राप्त हो सके। आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में जिसका पराएक बुधवार जाप करने से आपकी समस्त परेशानियां दूर होंगी। 

ॐ गं गणपतये नमः 

यदि आपके जीवन में ढेर सारी परेशानियां हैं और आप उन सब समस्याओं से छुटकारा चाहते हैं तो आप उपरोक्त मंत्र का जाप करें। भगवान गणेश का यह मंत्र इतना चमत्कारी है कि इसके जाप से से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं। इस मंत्र के जाप से भक्तों जल्द ही शुभ फल प्राप्त होगा। 


गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:। 

नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।। 

धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:। 

गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।' 

यदि आपकी कुंडली में गृह दोष हैं तो प्रत्येक बुधवार 11 बार उपरोक्त मंत्र का जाप करें। इस मंत्र में भगवान श्रीगणेश के 12 नामों का जाप किया जाता है। ऐसी मान्यता है यदि आप इस मंत्र का जाप किसी मंदिर में भगवान गणेश के सामने बैठकर करें तो आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी। 


वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। 

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥.

यदि गणपति जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए उपरोक्त मंत्र सबसे सरल मंत्र माना जाता है। यह मंत्र जितना सरल है उतना ही प्रभावशाली भी। यह मंत्र इतना ज्यादा प्रभावशाली है कि कोई भी कार्य शुरू करने से पूर्व इस मंत्र का जाप आपके सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरा करेगा। 


त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। 

नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

अगर आप किसी कार्य को लेकर बहुत मेहनत करते हैं और काम बनते-बनते बिगड़ जाता है तो उपरोक्त मंत्र का जाप करें। यह मंत्र आपके सभी बिगड़े हुए कार्य को पूर्ण करेंगे। यदि आपको मेहनत करने के बाद भी मंजिल नहीं मिल रही है तो इस मंत्र का 21 बार जाप करें। यह आपके सभी बिगड़े कार्य बना देगा।

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