घाटे में चल रहीं हैं महानगर इलेक्ट्रिक बसें, कमाई भी आधी

प्रतिदिन एक बस से 12 से 13 हजार रुपये की कमाई है लक्ष्य, जिम्मेदारों ने शुरू किया मंथन, घाटे से जल्द उबारने की कवायद।

गोरखपुर। महानगर की सड़कों पर दौड़ रहीं इलेक्ट्रिक बसें घाटे में चल रहीं हैं। कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निर्धारित आय की तुुलना में हर दिन आधी ही कमाई हो पा रही है। ऐसे में अब जिम्मेदार परेशान हैं और घाटे को कम करने पर मंथन भी शुरू कर दिया है।

बीते 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर इसका संचालन शुरू कराया था। जिसके बाद से महानगर के तीन रूटों पर 15 इलेक्ट्रिक बसें सुबह साढ़े पांच बजे से रात साढ़े आठ बजे के बीच संचालित कराई जा रहीं हैं। बसों के संचालन के संपूर्ण खर्च को देखते हुए परिवहन निगम ने एक बस से प्रतिदिन की आय 12 से 13 हजार रुपये निर्धारित की। लेकिन, एक इलेक्ट्रिक बस एक दिन में मुश्किल से छह से सात हजार रुपये ही कमा पा रही है।

ऐसे में निगम की ओर से निर्धारित लक्ष्य की तुलना में बस से आधी ही कमाई हो रही है। जिम्मेदारों का कहना है कि सुबह साढ़े पांच बजे से नौ बजे तक यात्रियों की संख्या बहुत कम होती है, ऐसे में बसें खाली ही संचालित हो रहीं हैं। सुबह 10 बजे के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ती है और शाम के बाद कम हो जाती है। ऐसे में इलेक्ट्रिक बसें तय आय के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पा रहीं हैं।


सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम के इलेक्ट्रिक बस नोडल अधिकारी महेंद्र पांडेय ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसें घाटे में चल रहीं हैं। खर्च की तुलना में आधी ही कमाई हो पा रही है। घाटे को कम करने के लिए मंथन चल रहा है। जल्द ही घाटे को कम कर लिया जाएगा।

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