खिचड़ी मेले में भी हो रही टीबी मरीजों की पहचान


अब तक 120 मरीजों के लिए जा चुके हैं सैंपल

82 मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव, 38 सैंपल की जांच बाकी

सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक जांच की सुविधा उपलब्ध

गोरखपुर, 17 जनवरी 2022। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पूर्वांचल के प्रसिद्ध गोरखनाथ खिचड़ी मेले में भी टीबी रोगियों की पहचान की जा रही है | इसके लिए जिला क्षय रोग केंद्र ने एक स्टॉल लगाया है, जिसके माध्यम से लोगों को बीमारी के बारे में जानकारी दी जा रही है और संभावित लक्षण वालों की जांच भी की जा रही है । जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र ने बताया कि 13 जनवरी से 17 जनवरी के बीच 120 मरीजों के सैंपल लिये गये जिनमें से 82 की रिपोर्ट निगेटिव रही है । 38 सैंपल की जांच अभी हो रही है । मेले में यह सुविधा सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक उपलब्ध है।

डॉ. मिश्र ने बताया कि स्टॉल गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित हनुमान मंदिर के पास लगाया गया है, जहां पर विभाग के दो स्वास्थ्यकर्मी तैनात किए गए हैं । आगंतुकों को टीबी से जुड़ी ज्ञानवर्धक सामग्री दी जाती है । पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम से भी जानकारी दी जा रही है । लोगों को बताया जा रहा है कि गैर सरकारी व्यक्ति द्वारा भी टीबी का नया मरीज खोजने में मदद करने पर पांच सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलती है । इतना ही नहीं टीबी मरीज को इलाज के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत दिये जाते हैं । टीबी मरीजों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की योजना एक अप्रैल 2018 से संचालित है और इसके तहत जिले में 6.31 करोड़ से अधिक की राशि मरीजों को उनके खाते में दी जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं । इन लक्षणों वाले लोगों को मेले में ही जांच करवाने की सुविधा उपलब्ध कराई गयी है । जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स (पीपीएम) समन्वयक अभय नारायण मिश्र व जिला समन्वयक धर्मवीर प्रताप सहित पूरी टीम मेले में समय-समय पर योगदान दे रही है ।


जिले में टीबी नोटिफिकेशन का हाल


वर्ष नोटिफाइड मरीज    

2018 6330

2019 10269   

2020 8177

2021 11203

Comments