सार्वजनिक स्थलों पर खाँसते-छींकते समय बरतें खास सतर्कता
मास्क सही तरीके से नहीं लगा है तो टिश्यू पेपर या कुंहनियों का लें सहारा
गोरखपुर, 21 जनवरी 2022। कोविड संक्रमण के प्रसार को रोकने में रेस्पिरेटरी हाइजिन (श्वसन संबंधित स्वच्छता प्रोटोकॉल) की अहम भूमिका है । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे का । सीएमओ की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही वह एक चेस्ट फिजिशियन भी हैं, इस नाते उनकी सलाह है कि सार्वजनिक स्थानों पर ही नहीं अगर घर-परिवार में खांस या छींक रहे हैं तो सतर्कता बरतनी है । इन क्रियाओं के दौरान अगर मास्क चेहरे से उतरा है तो टिश्यू पेपर या कुंहनियों का सहारा लेकर नाक और मुंह को ढंक लें।
डॉ. दूबे ने बताया कि जब हम खांसते या छींकते हैं तो छोटे-छोटे ड्रॉपलेट्स का वातावरण में प्रसार होता है और इन्हीं के जरिये वायरस भी आते हैं । ऐसे में वायरस का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण होने की आशंका प्रबल होती है । जब सभी लोग सार्वजनिक स्थानों पर मॉस्क लगा कर रहते हैं तो किसी के खांसने या छींकने से सामने वाला संक्रमित नहीं होता है, अगर बिना मास्क के कोई छींक या खांस रहा है तो अन्य लोग संक्रमित हो सकते हैं । ऐसे लोगों से उन लोगों के संक्रमित होने का खतरा कम होता है जो मॉस्क पहने हुए हैं।
उन्होंने बताया कि अमूमन घर में आदमी मॉस्क नहीं पहनता है । ऐसे में अगर वह बिना नाक या मुंह ढंके खांसता अथवा छींकता है तो वह ड्रॉपलेट्स के जरिये परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण दे सकता है । श्वसन संबंधित प्रोटोकॉल का पालन न करने से न केवल कोविड के संक्रमण के प्रसार का खतरा है बल्कि टीबी और अन्य वायरस या बैक्टीरिया जनित बीमारियों के प्रसार का भी खतरा है ।
यह भी रखें ध्यान
कुछ लोग नाक, आंख और मुंह को बार-बार हाथों से छूते हैं । ऐसे लोगों के भी संक्रमित होने की आशंका है । अगर किसी माध्यम से उनके हाथों में वायरसयुक्त ड्रॉपलेट्स होंगे तो वह इस असावधानी से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं । थूक के जरिये भी ड्रॉपलेट्स का प्रसार होता है । हाथों की स्वच्छता इस तरीके से ड्रॉपलेट्स का प्रसार रोक देती है ।
इन बातों का रहे ध्यान
• भीड़भाड़ में मॉस्क न उतारें
• मॉस्क से नाक और मुंह ढंका होना चाहिए
• मॉस्क लगा कर ही खांसे या छींकें
• अगर मॉस्क उतारे हैं और खांसना-छींकना हो तो टिश्यू पेपर या कुहनियों का इस्तेमाल करें
• मॉस्क तभी उतारें जब अकेले हों
• हाथों को समय-समय पर धुलते रहें। जितनी बार किसी चीज को छूते हैं उतनी बार हाथों की स्वच्छता रखनी है
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