देशी छोरे ने मोरक्को की छोरी से रचाया ब्याह, कहा धर्म का रखूंगा ख्याल

मोहब्बत में देश छोड़ आई मोरक्को की लड़की, गैर-मजहब की शादी पर लड़का बोला- मैं न खुद धर्म बदलूंगा, न बदलने दूंगा

अफ्रीकी देश मोरक्को की मुस्लिम लड़की को अपने मुल्क से 8000 किलोमीटर दूर ग्वालियर के हिन्दू लड़के से प्यार हुआ। युवती ने प्यार की खातिर अपना मुल्क छोड़ दिया। लड़के ने भी युवती के पिता को भरोसा दिया कि वो उसका कभी धर्म परिवर्तन नहीं कराएगा। दोनों अपने-अपने धर्म-संस्कृति का पालन करते हुए पति-पत्नी बने रहेंगे। इसके बाद मोरक्को की मुस्लिम युवती ने और ग्वालियर के हिंदू युवक ने बुधवार को एडीएम कोर्ट में शादी रचा ली। तीन साल पहले दोनों सोशल मीडिया पर साथ आए, फिर यह दोस्ती प्यार में बदल गई। हालांकि दोनों के मजहब अलग-अलग थे, इसलिए चिंतित थे। दोनों ने शादी के फैसले के बारे में अपने-अपने परिवार को बताया। अविनाश दो बार शादी का प्रस्ताव लेकर मोरक्को गया। लड़की के पिता ने अविनाश से भारत और हिंदू धर्म छोड़कर मोरक्को में बसने का ऑफर दिया जिसे उसने ठुकरा दिया। अविनाश ने फादवा के पिता से कहा कि न तो मैं अपना देश छोडूंगा और न ही अपना धर्म परिवर्तन करूंगा। साथ ही यह भी कहा कि आपकी बेटी का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराऊंगा।


ग्वालियर। ‘मजहब, मुल्क और जुबान प्यार में कभी बाधा नहीं बनते,’ ये कहावत एक बार फिर सही साबित हुई। अफ्रीकी देश मोरक्को की मुस्लिम लड़की को अपने मुल्क से 8000 किलोमीटर दूर ग्वालियर के हिन्दू लड़के से प्यार हुआ। युवती ने प्यार की खातिर अपना मुल्क छोड़ दिया। लड़के ने भी युवती के पिता को भरोसा दिया कि वो उसका कभी धर्म परिवर्तन नहीं कराएगा। दोनों अपने-अपने धर्म-संस्क्रति का पालन करते हुए पति-पत्नी बने रहेंगे। इसके बाद मोरक्को की मुस्लिम युवती ने और ग्वालियर के हिंदू युवक ने बुधवार को एडीएम कोर्ट में शादी रचा ली। कुछ दिन में दोनों हिंदू रीति-रिवाज से भी शादी करेंगे और कोविड के बाद रिसेप्शन भी देंगे।

मोरक्को की रहने वाली 24 साल की फादवा लैमाली प्राइवेट कॉलेज में पढ़ती है। सोशल मीडिया पर तीन साल पहले उसकी पहचान ग्वालियर के 26 साल के अविनाश दोहरे से हुई। सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती प्यार में बदल गई, लेकिन मजहब को लेकर दोनों चिंता में पड़ गए। दोनों ने अपने-अपने परिवार को संबंधों के बारे में बताया। फादवा लैमाली का परिवार पहले नाराज हुआ, लेकिन बाद में बेटी की जिद के आगे उन्होंने हां कह दी। बाद में दोनों के परिवार वाले राजी हो गए। इसके बाद फादवा ने अविनाश से शादी के लिए अपने देश मोरक्को से NOC मांगा।


प्यार में मुल्क छूटा, धर्म की आजादी मिली

फादवा और अविनाश की प्रेम कहानी में मजहब दीवार नहीं बन पाया। अविनाश दो बार शादी का प्रस्ताव लेकर मोरक्को गया, लेकिन फादवा के पिता अली लैमाली ने शादी के लिए इनकार किया। लेकिन, दोनों इस शादी के लिए अड़ गए तो पिता ने अविनाश से भारत और हिंदू धर्म छोड़कर मोरक्को में बसने का ऑफर दिया। अविनाश ने फादवा के पिता से कहा कि न तो मैं अपना देश छोडूंगा और न ही अपना धर्म परिवर्तन करूंगा, लेकिन मैं आपकी बेटी का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराऊंगा। उसे अपना धर्म और अपनी परंपराए उसी तरह निभाने की आजादी भारत में होगी, जैसे वह मोरक्को में निभाती आई है। अविनाश की बात सुनकर परिवार को यकीन हो गया कि बेटी फादवा के लिए अविनाश अच्छा जीवन साथी साबित होगा। फिर परिवार रजामंद हो गया।

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